जालना में आवारा कुत्तों के हमले से दो मासूमों की मौत — सामाजिक कार्यकर्ता साद बिन मुबारक ने पूर्व आयुक्त संतोष खांडेकर पर लगाया भ्रष्टाचार और मनुष्यवध का आरोप

जालना/कादरी हुसैन
जालना शहर में बेवारस कुत्तों का आतंक अब जानलेवा बन चुका है। हाल ही में हुए कुत्तों के हमलों में दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत और कई नागरिकों के घायल होने से पूरे शहर में आक्रोश का माहौल है।
इस गंभीर प्रकरण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता साद बिन मुबारक ने औरंगाबाद परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक को विस्तृत शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें उन्होंने तत्कालीन नगर आयुक्त संतोष खांडेकर और जालना महानगरपालिका के उपआयुक्त पर भ्रष्टाचार और मनुष्यवध (हत्या) के गंभीर आरोप लगाए हैं।
₹40 लाख के टेंडर पर सवाल
साद बिन मुबारक ने बताया कि
15 फरवरी 2024 को जालना महानगरपालिका ने ₹15 लाख का टेंडर परभणी स्थित जीवक क्लीनिंग सर्विसेस इंडिया प्रा. लि. को दिया था, ताकि शहर में बेवारस कुत्तों को पकड़ा और नियंत्रित किया जा सके।
लेकिन एजेंसी ने कोई वास्तविक कार्य नहीं किया — केवल कागजी बिल बनाकर रकम खर्च दर्शाई गई।
इसके बाद 26 मई 2025 को ₹25 लाख का नया टेंडर साई एजेंसी, जालना को दिया गया। फिर भी शहर में आवारा कुत्तों की संख्या कम होने के बजाय और बढ़ती गई।
मासूमों की मौत से शहर में भय
इस लापरवाही के कारण
गांधी नगर क्षेत्र में एक नन्ही बच्ची को कुत्तों के झुंड ने नोचकर मार डाला,
जबकि रहमान गंज क्षेत्र में एक अन्य बच्चे के सिर पर तीन इंच गहरी चोट आई।
इसी तरह बस स्टैंड परिसर में भी दो वाहनचालकों पर कुत्तों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया।
साद बिन मुबारक का आरोप
“महानगरपालिका प्रशासन ने करोड़ों रुपये खर्च दिखाकर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आज भी हर चौक-चौराहे पर 30 से 40 कुत्तों के झुंड घूम रहे हैं। यह सब अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार का परिणाम है। अगर समय पर कार्रवाई होती, तो दो मासूमों की जान नहीं जाती।” — साद बिन मुबारक
उन्होंने यह भी बताया कि जिल्हाधिकारी कार्यालय, जालना ने 6 जून 2025 को पत्र क्र. 2025/नपाप्र/कार्या-1/कावी 203 जारी किया था, लेकिन महानगरपालिका ने उस पर कोई अमल नहीं किया।
मनुष्यवध का मामला दर्ज करने की मांग
साद बिन मुबारक ने पूर्व आयुक्त संतोष खांडेकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने टेंडर के नाम पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार किया है और दो मासूमों की मौत के लिए प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं।
उन्होंने मांग की है कि IPC की धारा 304 (सदोष मनुष्यवध) के तहत संतोष खांडेकर और उपआयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
