प्राकृतिक अनुदान घोटाले में अकोला से एक और आरोपी गिरफ्तार, 7 दिन की पुलिस कस्टडी मंजूर

जालना/कादरी हुसैन
जालना जिले के अंबड और घनसावंगी तालुका में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। प्रभावित किसानों के लिए शासन द्वारा अनुदान की राशि जारी की गई थी। इस अनुदान प्रक्रिया में ग्राम स्तर के अधिकारी जैसे तलाठी, ग्रामसेवक और ग्रामविस्तार अधिकारी फसलवार स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करते और तहसील कार्यालय को ई-मेल के माध्यम से अपलोड करते थे।
तहसील कार्यालय इन सूचियों को “महा DBT” पोर्टल पर अपलोड करता और जिलाधिकारी कार्यालय की आपत्ती प्रबंधन टीम किसानों के VK नंबरों को अनुमोदित करती। VK नंबर मिलने के बाद किसानों के बैंक खातों में सीधे अनुदान राशि जमा होती।
लेकिन अंबड और घनसावंगी तालुका में जांच में पाया गया कि कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी नामों से यादियां अपलोड कर शासन से प्राप्त अनुदान राशि हड़प ली। जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार कुल 240 गांवों में लगभग ₹24.90 करोड़ की सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ।
इस मामले में अंबड पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 453/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और आपत्ती प्रबंधन अधिनियम 2005 की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
जांच पुलिस अधीक्षक जालना के आदेशानुसार आर्थिक अपराध शाखा (EOW), जालना द्वारा की जा रही है। अब तक इस प्रकरण में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तकनीकी विश्लेषण और गोपनीय जानकारी के आधार पर आज छठे आरोपी रामेश्वर गणेश बारहाते, निवासी शेवगा, तालुका अंबड, को अकोला शहर से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ न्यायालय ने उसे 7 दिन की पुलिस कस्टडी (PCR) मंजूर की।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक जालना श्री अजयकुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक श्री आयुष नोपाणी और प्रभारी उपविभागीय अधिकारी आर्थिक अपराध शाखा श्री सिद्धार्थ माने के मार्गदर्शन में संपन्न हुई।
कार्रवाई में आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक श्री मिथुन घुगे सहित कई अमलदार और महिला अमलदार शामिल थे।
