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जालना : अंबड और घनसावंगी तालुकों में 79 करोड़ का पीकहानी अनुदान घोटाला उजागर

जालना – जिल्हाधिकारी द्वारा गठित वरिष्ठ अधिकारियों की समिति ने जिले के अंबड और घनसावंगी तालुकों में किसानों को दिए गए पीकहानी (फसल नुकसान) अनुदान वितरण में 79 करोड़ 67 लाख 97 हजार रुपये का घोटाला सामने लाया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से 55 करोड़ 12 लाख 72 हजार रुपये ऐसे 26 हजार 315 व्यक्तियों के नाम पर दिए गए, जिनके पास खेती ही नहीं थी।

भाजपा विधायक बबनराव लोणीकर ने बताया कि वर्ष 2022 से 2024 के बीच जिले में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के कारण बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ था। इस दौरान सरकार ने किसानों को अनुदान वितरित किया था। लेकिन जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, अंबड और घनसावंगी तालुकों में 3,958 किसानों को दो बार अनुदान दिया गया, जिसकी राशि 16 करोड़ 77 लाख 31 हजार रुपये है।

इसी प्रकार, क्षेत्रफल बढ़ाकर दिखाने वाले 3,958 लोगों को 7 करोड़ 66 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान वितरित किया गया। इतना ही नहीं, सरकारी जमीन पर 44 लोगों के नाम से भी 11 लाख 87 हजार रुपये का अनुदान वितरित किया गया।

लोणीकर ने कहा कि इन दोनों तालुकों में अनुदान वितरण घोटाले की राशि करीब 150 करोड़ रुपये तक पहुँच सकती है। जांच में तलाठी, ग्रामसेवक और कृषि सहायकों समेत 79 कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है, लेकिन अब तक केवल 57 कर्मचारियों को ही निलंबित किया गया है।

महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने 9 अगस्त को जालना दौरे के दौरान दोषी कर्मचारियों पर अपराध दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

गैरकानूनी वितरण की राशि में से अब तक 5 करोड़ 74 लाख रुपये सरकार के पास वापस जमा कराए गए हैं। लोणीकर ने यह भी कहा कि इस मामले में निवासी उपजिल्हाधिकारी की भी जांच आवश्यक है।

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