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जयकवाड़ी बांध के 18 गेट खोले जाएंगे, गोदावरी नदी में बढ़ेगा पानी का विसर्ग, नदी किनारे बसे गांवों को सतर्कता का अलर्ट

औरंगाबाद: मराठवाड़ा की जीवनदायिनी गोदावरी नदी पर स्थित जयकवाड़ी बांध लगातार हो रही भारी बारिश के चलते लबालब भर गया है। बांध का जलस्तर 95.16% तक पहुंच चुका है। पाटबंधारे विभाग ने गुरुवार सुबह बांध के 18 गेट खोलने का निर्णय लिया है। इसके बाद नदी में बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा जाएगा। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है और लोगों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है।

बांध में इस समय 2,603 क्यूसेक पानी की आवक जारी है। शाखा अभियंता मंगेश शेलार ने बताया कि पिछले चार दिनों से बांध में लगातार पानी आ रहा है। आवक फिलहाल थोड़ी कम है, लेकिन जलसाठा 95% से ज्यादा होने के कारण गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।

इससे पहले भी बांध से पानी छोड़ा गया था। उस दौरान हुई भारी बारिश की वजह से आपेगांव और हिरडपुरी समेत गोदावरी नदी के सभी बांध 100% भर चुके हैं। फिलहाल गोदावरी नदी में दारणा धरण से 22,530 क्यूसेक, गंगापुर से 6,340 क्यूसेक, मुकणे से 1,655 क्यूसेक, भावली से 2,324 क्यूसेक, करंजवण से 693 क्यूसेक और नांदूर मधमेश्वर धरण से 9,465 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

किसानों को बड़ा फायदा
1973 में बने इस बांध से अब तक 24 बार विसर्ग (पानी का छोड़ा जाना) किया जा चुका है। इस साल यह दूसरा मौका होगा जब गेट खोलकर पानी छोड़ा जाएगा। जयकवाड़ी बांध के पूरी तरह भरने से रबी सीजन के लिए 7 आवर्तन देने का रास्ता साफ हो गया है। इससे मराठवाड़ा में बागायती खेती का क्षेत्र बढ़ेगा और किसानों को रबी हंगाम में पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।

बांध से पानी छोड़े जाने का लाभ मराठवाड़ा के पांच जिलों के अलावा विदर्भ और तेलंगाना के कई जिलों को भी मिलेगा। नांदेड का बाभली बांध भी पूरी क्षमता से भर जाएगा, जिससे तेलंगाना में भी पानी छोड़ा जाएगा।

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