बालिग लड़की चाहे तो शादीशुदा मर्द से कर सकती है प्यार, अब इसमें कानून नहीं बनेगा दरार!

भोपाल/जबलपुर: अब यह आधिकारिक हो गया है — प्यार में कानून का कोई जोर नहीं चलता! मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कह दिया कि अगर कोई महिला बालिग है तो उसे पूरा अधिकार है कि वह चाहे तो कुंवारे के साथ रहे, चाहे शादीशुदा के साथ। कानून को इसमें कोई ऐतराज नहीं।
कोर्ट की मास्टरक्लास
अदालत ने कहा – “देखिए, शादीशुदा मर्द के साथ रहना है या नहीं, यह महिला का निजी फैसला है। कानून का काम कोर्टरूम में है, नैतिकता का काम मोहल्लेवालों पर छोड़ दें।”
वकील की दलील
महिला के परिवार ने कहा कि बेटी एक शादीशुदा आदमी संग रहने चली गई है। इस पर वकील ने दलील दी कि “साहब, उस आदमी का घर-गृहस्थी से कोई लेना-देना नहीं रहा, पहली पत्नी से रिश्ता खत्म, तलाक का आवेदन भी फाइल।”
यानि मियां जी अब “अल्मोस्ट कुंवारे” स्टेटस में हैं।
कोर्ट का तोहफ़ा
हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा – “महिला बालिग है, वह खुद तय करेगी कि उसे कौन सा Netflix पैकेज चाहिए – सिंगल का या मैरिड का।”
साथ ही, अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि महिला और पुरुष दोनों लिखित वचनपत्र दें – “हम अपनी इच्छा से साथ रह रहे हैं” — और उसके बाद पुलिस दोनों को “हैप्पी कपल पैक” के साथ रिहा कर दे।
व्यंग्यात्मक सार
यानि अब मामला साफ है – पहली पत्नी को छोड़कर, दूसरी को अपनाकर और तीसरी को सोचकर भी अगर आप किसी रिश्ते में पड़ते हैं, तो कानून आपकी प्रेमकहानी का “कबाब में हड्डी” नहीं बनेगा।
नैतिकता?
अरे भई, कोर्ट के हिसाब से नैतिकता अब सिर्फ WhatsApp ग्रुप की चर्चा का टॉपिक रह गई है।
