मुंबई: एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते का हमला – मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे की तुरंत गिरफ्तारी की मांग

मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पर एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते ने कड़ा प्रहार किया है। माजी न्यायमूर्ति संदीप शिंदे से जरांगे की मुलाकात के बाद सदावर्ते ने पत्रकार परिषद कर आंदोलन और जरांगे की भाषा पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने साफ कहा कि जरांगे के “लाड़” अब बंद होने चाहिए और आज शाम छह बजे आंदोलन खत्म होते ही उसे गिरफ्तार किया जाए।
सदावर्ते ने जरांगे पर समाज और सरकार का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जरांगे मंच से अर्वाचीन भाषा का इस्तेमाल करता है। हाल ही में उसने धनगर समाज का अपमानजनक जिक्र किया और सरकार को भी भद्दे शब्द कहे। सदावर्ते ने सवाल उठाया कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार इस सब पर चुप क्यों हैं और जरांगे का पक्ष क्यों ले रहे हैं।
सदावर्ते ने यह भी कहा कि जरांगे असली मराठा कार्यकर्ता नहीं बल्कि “स्पॉन्सर्ड कार्यकर्ता” हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन के बहाने सिर्फ राजनीतिक खेल खेले जा रहे हैं। जरांगे की भाषा गांव-गाडियों की नहीं बल्कि “माजुरडी भाषा” है, जो मराठा समाज की गरिमा के खिलाफ है।
उन्होंने दो टूक कहा कि महाराष्ट्र कानून का राज्य है और जरांगे कानून से ऊपर नहीं हो सकता। “आज शाम आंदोलन खत्म होते ही उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करो,” सदावर्ते ने सरकार से मांग की।
सदावर्ते ने आगे कहा कि पूर्व न्यायमूर्ति संदीप शिंदे जरांगे के सामने बेबस नजर आए। जरांगे आरक्षण को लेकर दबाव बना रहे थे, लेकिन शिंदे ने स्पष्ट मना करने की हिम्मत नहीं दिखाई। सदावर्ते ने कहा कि जरांगे का आंदोलन अब खत्म किया जाए और उसे उसके गांव भेज दिया जाए।
यह बयान अब मराठा आरक्षण आंदोलन और राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर रहा है।
