मुंबई हाईकोर्ट में याचिका: मराठा आंदोलन पर सदावर्ते का आरोप – समर्थक गाड़ियों से ला रहे देशी शराब, अदालत के आदेशों का उल्लंघन
मुंबई: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, जरांगे पाटील के आंदोलन पर सवाल

मराठा आरक्षण आंदोलन का विवाद अब अदालत तक पहुंच गया है। मुंबई हाईकोर्ट ने कहा कि आंदोलन हाथ से बाहर निकल चुका है और आंदोलन के लिए तय की गई शर्तों का पालन हर हाल में होना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि अगर कानून का उल्लंघन हुआ है तो आंदोलन रोकने के लिए जरांगे पाटील से बात क्यों नहीं की गई।
इस मामले में अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते ने आझाद मैदान में चल रहे जरांगे पाटील के आंदोलन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सदावर्ते ने अदालत में दावा किया कि जरांगे समर्थक गाड़ियों से देशी शराब की बोतलें ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान पहले दिए गए अदालत के आदेशों का भी उल्लंघन किया गया है।
सदावर्ते ने तर्क दिया कि चूंकि राज्य का मुख्यमंत्री मराठा नहीं है, इसलिए यह सब हो रहा है। उन्होंने अदालत को बताया कि 29 अगस्त को उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी और गुन्हा दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि जब आंदोलनकारियों ने शर्तें तोड़ी हैं तो जरांगे को आंदोलन बंद करने के लिए क्यों नहीं कहा जा रहा। अदालत ने स्पष्ट किया कि आंदोलन अब हाथ से बाहर हो गया है और यदि कानून का उल्लंघन होता है, तो पुलिस को कार्रवाई करनी होगी।
