महाराष्ट्र में स्थानीक स्वराज्य संस्था चुनाव जनवरी 2025 में होने की संभावना : उपमुख्यमंत्री अजित पवार

पुणे: महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों से स्थानीक स्वराज्य संस्थाओं की चुनावी प्रक्रिया अटकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन चुनावों का रास्ता साफ हुआ और मुंबई, ठाणे, पुणे सहित प्रमुख महानगरपालिकाओं, नगरपालिकाओं और जिला परिषदों की चुनावी घोषणा का इंतजार शुरू हुआ। हालांकि अब इन चुनावों के टलने की संभावना भी जताई जा रही है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ा बयान देते हुए कहा कि स्थानीक स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव जनवरी 2025 में होने की प्रबल संभावना है। उनके इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है।
राज्य में कई नगरपरिषदों और महानगरपालिकाओं के चुनाव 2022 से ही टलते आ रहे हैं। 2022, 2023 और 2024 में भी चुनाव नहीं हो सके। अब 2025 का उत्तरार्ध शुरू हो चुका है, लेकिन चुनाव की तारीख को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। अजित पवार ने कहा, “चुनाव टलने के पीछे के कारणों पर मैं अभी चर्चा नहीं करूंगा, लेकिन अब चुनावी माहौल शुरू हो गया है। जनवरी महीने में इन चुनावों के होने की संभावना है।”
उनके इस बयान के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों में उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति को लेकर तैयारियां तेज होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि कई जगहों पर सत्ता परिवर्तन की संभावना दिखाई दे रही है, जिसके चलते इन चुनावों पर सभी की नजरें टिकी हैं।
👉 प्रभाग रचना पर विवाद
महापालिकाओं की प्रारूप प्रभाग रचना को लेकर भी राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी दलों ने अपने लिए अनुकूल मतदारसंघ बनाए हैं। वहीं चर्चा यह भी है कि भाजपा ने अपने ही सहयोगी दलों पर बढ़त बनाने की कोशिश की है। राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के पदाधिकारी भी इस रचना से नाराज़ हैं और विपक्षी दलों का कहना है कि यह प्रभाग रचना केवल भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है।
