जमीयत उलेमा जालना का प्रतिनिधिमंडल एसपी से मिला, सौहार्द और कानून की रक्षा पर दिया जोर

जालना: (प्रतिनिधि–कादरी हुसैन) जालना शहर में पिछले कुछ दिनों से शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिशों के बीच, जमीयत उलेमा जालना का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जिला पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल से मिला। यह मुलाकात काज़ी-ए-शरीयत मुफ्ती अब्दुल रहमान के निर्देश पर की गई, जिसमें समाज में फैलाए जा रहे तनावपूर्ण माहौल पर खुलकर चर्चा हुई।
प्रतिनिधिमंडल ने गोवंश वध से संबंधित वीडियो वायरल होने और अपमानजनक शब्दों के प्रयोग पर गहरी नाराज़गी जताई। साथ ही इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कुछ राजनीतिक नेता इन मुद्दों को चुनावी फायदे के लिए भड़का रहे हैं, जिससे समाजों के बीच वैमनस्य फैल रहा है। जमीयत उलेमा ने याद दिलाया कि धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिशें पहले भी हुई हैं—मस्जिदों पर गुलाल फेंकने से लेकर पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां करने तक। लेकिन संगठन ने हमेशा कानून का रास्ता अपनाया और किसी पूरे समाज को कटघरे में खड़ा नहीं किया।
महावीर चौक पर हरे झंडे के मुद्दे पर भी प्रतिनिधिमंडल ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज ने पैगंबर-ए-इस्लाम (सल्ल.) की 1500वीं जयंती पर निकलने वाला जुलूस खुद ही स्थगित किया और बाद में पूरी तरह रद्द भी कर दिया ताकि शांति बनी रहे। इसके बावजूद सीसीटीवी कैमरे के खंभे पर लगे एक झंडे को मुद्दा बनाकर समाज को बदनाम करना अनुचित है।
एसपी अजय बंसल ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि पुलिस निष्पक्ष रूप से काम कर रही है और आगे भी करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि झंडा कैमरे के खंभे पर लगाया गया था, न कि किसी धार्मिक स्थल पर। “निर्दोष को किसी भी हालत में सज़ा नहीं दी जाएगी, और जो भी कार्रवाई होगी वह पूरी तरह कानून के दायरे में होगी,” उन्होंने कहा। एसपी ने मुस्लिम समाज और जमीयत उलेमा द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने में किए गए प्रयासों की सराहना की और आगे भी सहयोग की अपेक्षा जताई।
प्रतिनिधिमंडल में शहर जालना जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मुफ्ती फहीम, महासचिव मुफ़्ती फारूक, मुफ़्ती सुहैल, मुफ्ती यूसुफ, वसीम शेख, हाजी अब्दुल हमीद, हाजी शकील, सलीम भाई, बदर चाउस, सरदार खान और अब्दुर रऊफ शामिल थे।
बैठक के अंत में जमीयत उलेमा जालना ने नागरिकों से अपील की कि आने वाले महीनों में सतर्क और संयमित रहें। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं, इसलिए किसी के बहकावे में आकर जल्दबाज़ी में प्रतिक्रिया न दें और उकसावे में आकर उत्तेजित न हों। समाज के जिम्मेदार लोग अपने क्षेत्रों में चौकसी बरतें और यदि स्थिति गंभीर हो तो तुरंत शहर के जिम्मेदारों को सूचित कर सामूहिक रूप से हालात का सामना करें।
