नौकरी के नाम पर 15 बेरोजगार युवकों से 49 लाख की ठगी, औरंगाबाद क्रांति चौक से आरोपी गिरफ्तार

औरंगाबाद/सिल्लोड: नौकरी की तलाश में भटक रहे 15 बेरोजगार युवकों को करीब 49 लाख रुपये का चूना लगाने वाले एक ठग को सिल्लोड ग्रामीण पुलिस ने सोमवार रात 12 बजे औरंगाबाद के क्रांति चौक से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास मंत्रालय के विभाग का कोरा लेटर पैड, विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों की नकली मोहरें और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद होने से जिलेभर में सनसनी फैल गई है। इस गिरफ्तारी से नौकरी के नाम पर चल रहे एक बड़े रैकेट का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
सुनियोजित जाल बिछाकर दबोचा गया आरोपी
उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. दिनेश कोल्हे और पुलिस निरीक्षक रविंद्र ठाकरे के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने एक बेरोजगार युवक को आरोपी को देने वाली बाकी 3 लाख रुपये की रकम तैयार होने की जानकारी देकर क्रांति चौक पर बुलाया। पहले से ही घात लगाए बैठे पुलिस दल ने आरोपी भरत दिनानाथ वाहूळ को मौके पर धर दबोचा। तलाशी में मंत्रालय का लेटर पैड, नकली शिक्के और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए। मंगलवार को आरोपी को सिल्लोड न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
प्रोफेसर से बना ठग
आरोपी भरत वाहूळ पहले एक संस्था में प्राध्यापक था। इसके बाद उसने भंगार गाड़ियों का कारोबार शुरू किया। जल्दी अमीर बनने की चाह में उसने बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी का धंधा शुरू किया। अब तक सामने आया है कि उसने सिर्फ सिल्लोड तालुका ही नहीं, बल्कि सातारा, जालना और बुलढाणा जिलों के कई युवाओं को भी ठगा। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने जिलाधिकारियों के नाम से नकली मोहर और हस्ताक्षर कर लिपिक व शिपाई पदों के फर्जी नियुक्ति पत्र बांटे थे।
बड़े रैकेट का पर्दाफाश संभव
पुलिस को आरोपी के पास मिले दस्तावेजों से यह आशंका है कि यह ठगी एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकती है। पुलिस जांच कर रही है कि नकली ऑर्डर कहां बनाए गए, शिक्के कहां तैयार हुए, मंत्रालय का लेटर पैड आरोपी को कैसे मिला और इसमें और कौन-कौन शामिल है। पुलिस का कहना है कि अगर गहराई से जांच हुई तो और बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। इस ठगी का शिकार हुए लोगों से पुलिस ने आगे आकर शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।
