जालना में महावितरण कर्मचारियों की गुंडई, पत्रकार संघ ने जिल्हाधिकारी से की सख्त कार्रवाई की मांग

जालना/कादरी हुसैन
जालना शहर के महावितरण कार्यालय में पत्रकारों के साथ अपमानजनक व्यवहार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्थानीय पत्रकार सुनील भारती 11 सितंबर को ग्रामीण बिजली बिल से संबंधित जानकारी लेने कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान तीन पुरुष और एक महिला कर्मचारी ने उन्हें संतोषजनक उत्तर देने के बजाय अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
कर्मचारियों ने पत्रकारों के बारे में कहा – “ये पत्रकार झूठे होते हैं,” “राजनीतिक लोगों के तलवे चाटते हैं,” “साइकिल-मोटरसाइकिल पर आने वाले पत्रकार एक साल में दो-दो मंजिला मकान बना लेते हैं,” और “इनकी औकात दिखानी चाहिए।” महिला कर्मचारी ने भी इस अपमान में भाग लिया।
इस घटना की जानकारी मिलने पर सुनील भारती ने उपकार्यकारी अभियंता भरत खिल्लारे से संपर्क किया, लेकिन कर्मचारियों ने अपने बयानों को स्वीकार करते हुए कहा – “हम कुछ भी बोल सकते हैं, लोकतंत्र में बोलने का अधिकार है।” खिल्लारे ने भी पत्रकारों की मदद करने के बजाय अनदेखी की।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन और प्रेस काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र, जालना ने जिल्हाधिकारी को लिखित ज्ञापन सौंपकर दोषी कर्मचारियों – भरत खिल्लारे, राहुल उघडे, निकम, मोरे और महिला कर्मचारी – के खिलाफ तुरंत जांच और निलंबन की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 25 सितंबर 2025 तक कार्रवाई नहीं हुई, तो पत्रकार एकदिवसीय आंदोलन करेंगे।
इस घटना ने महावितरण कार्यालय में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के गैर-जिम्मेदार और उद्दंड रवैये को उजागर किया है। इस मामले में पत्रकार संघ और प्रेस काउंसिल लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार न हो।
