औरंगाबाद शहर में रिक्शा चालकों की गुंडई पर सख्त कार्रवाई: 467 चालकों का चालान, 22 रिक्शा जब्त

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
शहर में दो महीने के अंतराल के बाद फिर से अपराध प्रवृत्ति वाले रिक्शा चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। गुरुवार को एक ही दिन में यातायात पुलिस ने 467 चालकों की जांच की और कुल 4,61,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें 1,50,000 रुपये का जुर्माना मौके पर ही वसूल किया गया। इसके अलावा, 22 अत्यंत गैरजिम्मेदार और नियमविहीन चालकों के रिक्शा जब्त किए गए, ऐसा सहायक पुलिस आयुक्त सुभाष भुजंग ने बताया।
पिछले छह महीनों में रिक्शा व्यवसाय में अपराध प्रवृत्ति वाले चालकों की संख्या बढ़ी है। इन चालकों द्वारा पैसे के कारण यात्रियों के साथ विवाद, मारपीट और लूट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया। कई मामलों में महिला यात्रियों को भी इन गुंडा चालकों ने निशाना बनाया। ताजा घटना में मोंढा नाका क्षेत्र में एक महिला यात्री को चलते रिक्शा से धक्का देकर नीचे गिरा दिया गया और उसके ऊपर रिक्शा चलाया गया। इस घटना ने शहर में नागरिकों और यात्रियों की सुरक्षा के गंभीर मुद्दे को फिर से उजागर किया।
दो महीने पहले भी 700 से अधिक रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिसमें 70 से अधिक रिक्शा जब्त किए गए थे। गुरुवार को भी कुछ चालकों के गैरकानूनी व्यवहार की खबर मीडिया में प्रकाशित हुई। इसके बाद बिना अनुमति, बिना दस्तावेज और शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों पर पुलिस निरीक्षक अमोल देवकर, सचिन इंगोले, हरेश्वर घुगे, सचिन मिरधे, उत्रेश्वर मुंडे और शंकर शिरसाठ ने कार्रवाई की।
रिक्शा व्यवसाय में अपराधी प्रवृत्ति वाले चालकों की पृष्ठभूमि की प्रभावी जांच के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है। गंभीर अपराध घटित होने के बाद ही यह मामला उजागर होता है और फिर पुलिस कार्रवाई करती है। हालांकि आरटीओ की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण कई ऐसे चालकों को खुला मौका मिल जाता है।
