AurangabadBreaking NewsCrime News

औरंगाबाद: 23 साल तक फ़र्ज़ी आर्मी ऑफिसर बनकर लोगों को गुमराह करती रही महिला, पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस का बड़ा खुलासा

23 साल तक फर्जी कैप्टन बनकर लोगों को ठगती रही महिला

औरंगाबाद/प्रतिनिधि 

औरंगाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला पिछले 23 वर्षों से खुद को भारतीय सेना की कैप्टन बताकर समाज को गुमराह कर रही थी। आरोपी महिला की पहचान रुचिका अजीत जैन, निवासी धरमपुर, दौलताबाद के रूप में हुई है।

मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब दौलताबाद पुलिस और पुणे स्थित साउदर्न कमांड मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त कार्रवाई कर आरोपी महिला के घर पर छापेमारी की। छापेमारी में सेना की यूनिफॉर्म, नकली आईडी कार्ड, नेमप्लेट, मेडल, सैनिकों की तस्वीरें और कई संगठनों से मिले सम्मान पत्र बरामद हुए।

जांच में सामने आया कि रुचिका जैन आर्मी भर्ती अकादमियों में जाकर छात्रों को प्रेरित करती थी। वहां उसे कैप्टन के तौर पर सम्मान दिया जाता था और लोग गर्व से उसे सलामी ठोकते थे। कई सामाजिक संगठनों ने उसे मुख्य अतिथि बनाकर सम्मानित भी किया। यहां तक कि वह सेना की वर्दी पहनकर राष्ट्रीय आयोजनों में शामिल होती और वीआईपी ट्रीटमेंट पाती थी।

पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि महिला खुद को पैराशूट रेजिमेंट की इंटेलिजेंस ऑफिसर बताकर लोगों को धोखा देती थी। समाज में लोकप्रियता और फायदे पाने के लिए उसने यह झूठी पहचान बनाई थी। उसका व्यवहार, बोलचाल और रहन-सहन इतना प्रभावशाली था कि किसी को उस पर कभी शक नहीं हुआ।

इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद देश की खुफिया एजेंसियां भी मामले की जांच में जुट गई हैं। पुलिस ने आरोपी महिला पर भारतीय सेना की वर्दी और प्रतीकों के दुरुपयोग और फर्जी पहचान बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला धारा 168 बीएनएस के तहत दर्ज किया है।

फिलहाल, पुलिस और जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं आरोपी महिला के तार किसी विदेशी संगठन या नेटवर्क से तो जुड़े नहीं हैं।

23 साल तक सेना की वर्दी का दुरुपयोग कर समाज को गुमराह करने वाला यह मामला अब पूरे महाराष्ट्र में सनसनी का विषय बन गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button