ज्ञानराधा घोटाले में बड़ी सफलता: कुटे ग्रुप की संचालिका अर्चना कुटे गिरफ्तार, बबनराव लोणीकर के प्रयासों से जांच में तेजी, निवेशकों में जागी उम्मीद

जालना/कादरी हुसैन
ज्ञानराधा मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड घोटाले में सीआईडी को बड़ी सफलता मिली है। कुटे ग्रुप की संचालक अर्चना कुटे को पुणे से हिरासत में लिया गया है। हजारों करोड़ के इस घोटाले में लंबे समय से फरार चल रही अर्चना कुटे को सीआईडी की टीम ने गिरफ्तार कर औरंगाबाद लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ज्ञानराधा मल्टीस्टेट ने बीड, जालना, परभणी, औरंगाबाद, पुणे, नांदेड, लातूर, हिंगोली सहित कई जिलों में 50 से अधिक शाखाओं के जरिए 12 से 18 प्रतिशत ब्याज का लालच देकर लाखों लोगों से ठगी की थी। इस पॉन्ज़ी स्कीम में 2,318 से 3,500 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी सामने आई, जिससे 4 लाख से अधिक निवेशक प्रभावित हुए। कई पीड़ितों ने जीवनभर की कमाई गंवाई, तो कुछ ने आत्महत्या का रास्ता भी चुना।
इस मामले में पहले ही सुरेश कुटे और कुलकर्णी की गिरफ्तारी हो चुकी है। अप्रैल 2025 में सीआईडी ने जांच अपने हाथ में लेकर 400 करोड़ की 230 संपत्तियों का पता लगाया, जिनमें से 80 को जब्त किया गया। 16 सितंबर 2025 को आखिरकार अर्चना कुटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
परतूर के विधायक बबनराव लोणीकर ने इस घोटाले के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले रखा। दिसंबर 2023 के नागपुर अधिवेशन में उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए मकोका के तहत कार्रवाई की मांग की थी। हाल ही में 13 सितंबर 2025 को उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर तीन प्रमुख मांगें कीं – जब्त संपत्तियों की बिक्री कर पीड़ितों को जल्द मुआवजा देना, सुरेश व अर्चना कुटे समेत संचालकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज करना और ईडी व सीआईडी की जांच को और तेज करना।
लोणीकर के प्रयासों और दबाव के चलते जांच को गति मिली और अर्चना कुटे की गिरफ्तारी संभव हो सकी। पीड़ित निवेशक संगठनों ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि जब्त संपत्तियों की बिक्री से उन्हें जल्द ही मुआवजा मिल सकेगा।
ईडी ने पहले ही PMLA के तहत 1,621.89 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं, जिनमें जमीन, बंगले, वाहन और बैंक खाते शामिल हैं। सुरेश कुटे की जनवरी 2025 में गिरफ्तारी के बाद मार्च 2025 में मुंबई PMLA कोर्ट में 2,467 करोड़ की धोखाधड़ी का चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें 24 आरोपी शामिल हैं।
अर्चना कुटे की गिरफ्तारी से न केवल जांच को नई दिशा मिली है, बल्कि लाखों निवेशकों में भी राहत और उम्मीद की किरण जगी है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जब्त संपत्तियों की बिक्री कब शुरू होगी और प्रभावित परिवारों को कब मुआवजा मिलेगा।
