औरंगाबाद: होम्योपैथी डॉक्टरों को एलोपैथी प्रैक्टिस की अनुमति पर विवाद, आईएमए ने किया विरोध प्रदर्शन

औरंगाबाद: महाराष्ट्र सरकार के उस निर्णय के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सड़क पर उतर आई है, जिसमें होम्योपैथी डॉक्टरों को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराकर एलोपैथी प्रैक्टिस की अनुमति दी गई है। औरंगाबाद में IMA के 1,350 तथा मार्ड के 350 डॉक्टरों ने सुबह 8 से दोपहर 4 बजे तक आठ घंटे का जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान 24 घंटे के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) भी बंद रखा गया था। आपातकालीन सेवाओं की आवश्यकता वाले मरीजों को शासकीय अस्पतालों में भेजा गया। IMA ने इस निर्णय को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की है।
रोगियों के लिए क्रांतिकारी निर्णय : डॉ. झांबड
होम्योपैथी संगठन के मराठवाड़ा अध्यक्ष डॉ. प्रकाश झांबड ने कहा, “सरकार का यह निर्णय क्रांतिकारी है। राज्य में 90 हजार होम्योपैथी डॉक्टर कार्यरत हैं। ‘सीसीएमपी कोर्स’ के तहत हर साल 50 डॉक्टर एलोपैथी की पढ़ाई करेंगे। यदि होम्योपैथी डॉक्टरों को यह अवसर मिला, तो मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।”
परवानगी से मरीजों की जान से खिलवाड़ : डॉ. टाकलकर
आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनुपम टाकलकर ने कहा, “यह फैसला पूरी तरह गलत है। 2014 में ‘सर्टिफिकेट कोर्स इन मॉडर्न फार्माकोलॉजी’ को मंजूरी मिली थी, तभी से हम विरोध कर रहे हैं। मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है और इसी बीच यह फैसला आना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या और एमबीबीएस सीटें बढ़ाए ताकि अधिक डॉक्टर तैयार हों। मात्र दो महीने का कोर्स कराकर होम्योपैथी डॉक्टरों को एलोपैथी की अनुमति देना मरीजों की जान से खिलवाड़ है।”
