महाराष्ट्र में बदलते मौसम का असर: औरंगाबाद सहित 20 जिलों में आज बिजली कड़कने के साथ बारिश का अलर्ट

मुंबई/औरंगाबाद/प्रतिनिधि
राज्य में इन दिनों मौसम की अनिश्चितता बनी हुई है। कहीं तेज बारिश तो कहीं तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। आज 20 सितंबर को मौसम विभाग ने मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और पूर्व विदर्भ में बिजली कड़कने के साथ बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं राज्य के अन्य हिस्सों में हल्की बारिश और अधिकतर बादल छाए रहने का अनुमान है।
कम दबाव का क्षेत्र और बारिश की स्थिति
उत्तर अंडमान सागर में म्यांमार तट के पास 22 सितंबर तक चक्रवाती हवाओं की स्थिति बनने की संभावना जताई गई है। इसके प्रभाव से 25 सितंबर तक कम दबाव का क्षेत्र तैयार हो सकता है। यह दबाव पट्टी दक्षिण मध्य महाराष्ट्र से लेकर दक्षिण उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। इसके चलते आने वाले दिनों में राज्य में बारिश की स्थिति बदलती रहेगी।
पिछले दो दिन का रिकॉर्ड
कोकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में बीते दो दिनों में कई जगहों पर भारी बारिश दर्ज की गई। उस्मानाबाद जिले के वाशी में राज्य का सर्वाधिक 220 मिमी वर्षा दर्ज की गई। दूसरी ओर, बारिश के बावजूद कई स्थानों पर गर्मी बनी हुई है। विदर्भ के ब्रह्मपुरी में राज्य का सर्वाधिक 35.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
किन जिलों में अलर्ट?
आज नंदुरबार, धुले, जळगांव, नाशिक, अहमदनगर, पुणे, सातारा, सोलापुर, सांगली, औरंगाबाद, जालना, बीड, परभणी, उस्मानाबाद, लातूर, वर्धा, नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरोली जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
मॉनसून की विदाई शुरू
दक्षिण-पश्चिम मानसून 14 सितंबर से पश्चिम राजस्थान से पीछे हटना शुरू हो गया है। वर्तमान में भटिंडा, अजमेर और भूज तक इसकी सीमा स्थिर है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले दो दिनों में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से मानसून की विदाई हो सकती है।
किसानों के लिए कृषि परामर्श
राज्य में खरीफ सीजन की सोयाबीन, तूर, कपास, मक्का और धान की फसलें बढ़त के चरण में हैं। लगातार बारिश और बिजली कड़कने से फसलों में रोग और कीटों का खतरा बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने किसानों को निम्नलिखित सुझाव दिए हैं—
- सोयाबीन व तूर: अळी नियंत्रण के लिए एमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG (4 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव करें। पर्णकोष अळी या फुलकिडी दिखने पर लैम्ब्डा सायहैलोथ्रिन 5% EC (5 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी) का उपयोग करें।
- कपास: बोंडअळी नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 25% EC (20 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव करें। पत्तों के झड़ने व फफूंदजन्य रोगों से बचाव के लिए मैनकोझेब 75% WP (25 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी) का प्रयोग करें।
- धान: तांदुळ्या रोग नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाझिम 50% WP (10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव करें। पत्तों पर धब्बे दिखने पर ट्रायसाइक्लाझोल 75% WP (6 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव करें।
- मक्का: डोक्यावर अळी (सिरकाटी कीट) नियंत्रण के लिए स्पिनोसैड 45% SC (3 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी) का छिड़काव करें।
