जालना: अनुदान घोटाले में कोतवाल और एजेंट समेत तीन गिरफ्तार, 24.9 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

जालना / कादरी हुसैन
जालना जिले की अंबड और घनसावंगी तहसील में अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को मिलने वाले अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा, जालना की जांच में अब तक ₹24,90,77,811/- की हेराफेरी की पुष्टि हुई है।
इस मामले में पहले ही सहायक महसूल अधिकारी सुशिलकुमार दिनकर जाधव को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद तलाठी शिवाजी श्रीधर ढालके को 19 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि ढालके ने अपने मूल गांव उमरी बाजार (तहसील दर्यापुर, अमरावती) के 50 से अधिक लोगों के नाम अपने ससुराल दाढेगांव, अंबड तहसील में दर्ज कराकर आर्थिक लाभ लिया।
आरोपियों की मदद करने वाले कोतवाल मनोज शेषराव उघडे और निजी सहायक साहेबराव उत्तमराव तुपे को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया। उन्हें न्यायालय में पेश कर चार दिन की पुलिस हिरासत मंजूर की गई।
जांच में यह भी सामने आया कि तलाठियों ने फर्जी नामों को अनुदान सूची में शामिल करने के लिए एजेंट और सहायकों का इस्तेमाल किया और बदले में उन्हें प्रतिशत के हिसाब से आर्थिक लाभ दिया गया। इस तरह आरोपियों और उनके सहयोगियों की संलिप्तता सिद्ध हो चुकी है। शेष आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीमें सक्रिय हैं।
इस कार्रवाई का मार्गदर्शन पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक आयुष नोपाणी और प्रभारी पुलिस उपअधीक्षक सिद्धार्थ माने ने किया। आर्थिक अपराध शाखा की टीम, जिसमें इंस्पेक्टर मिथुन घुगे और अन्य अमलदार शामिल थे, ने मामले को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
यह कार्रवाई किसानों के अनुदान में हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए जिले में कानून व्यवस्था और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
