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संत का पाखंड उजागर: स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती पर EWS छात्राओं के साथ बलात्कार के आरोप, अश्लील संदेश और धमकाने का खुलासा

नई दिल्ली/प्रतिनिधि

श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट से एक गंभीर और धक्कादायक मामला सामने आया है। संस्थे से जुड़े स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं के साथ यौन शोषण, धमकाने और फसाने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में संस्थे के प्रशासक पी.ए. मुरली ने 4 अगस्त 2025 को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के अनुसार, स्वामी चैतन्यनंद छात्राओं को रात देर तक व्हॉट्सऐप संदेशों के माध्यम से अश्लील संदेश भेजते थे। इन संदेशों में छात्राओं को अपने कमरे में बुलाने, विदेशी दौरे का प्रलोभन देने और विरोध करने पर असफल होने की धमकी देने जैसी बातें शामिल थीं। पीड़ित छात्राओं के बयानों और उपलब्ध चैट्स से यह स्पष्ट हुआ कि स्वामी का व्यवहार अत्यंत अनुचित और परेशान करने वाला था।

तपास में यह भी सामने आया कि संस्थे की तीन महिला वॉर्डन इस मामले में शामिल थीं। ये वॉर्डन छात्राओं पर दबाव डालती थीं कि वे चुप रहें और उनके मोबाइल फोन से साक्ष्य मिटा दें। साथ ही, शिकायत करने पर उन्हें वस्तीगृह से निकाले जाने की धमकी दी जाती थी। इसी वजह से पीड़ित छात्राओं ने लंबे समय तक यह घटनाएँ किसी से साझा नहीं की।

पुलिस जांच में कुछ और गंभीर बातें भी उजागर हुई हैं। आश्रम के कई दिनों के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग गायब पाए गए और महत्वपूर्ण व्हॉट्सऐप चैट्स डिलीट कर दी गई हैं। ऐसा संदेह है कि स्वामी और वॉर्डन ने मिलकर साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास किया। पुलिस ने इसके बाद डीवीआर और छात्राओं के मोबाइल फोन फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं।

तक्रार दर्ज होने के समय स्वामी चैतन्यनंद लंदन में मौजूद थे। उसके बाद उनका आखिरी लोकेशन आगरा का पाया गया, लेकिन वह लगातार अपने स्थान बदलते रहे, जिससे पुलिस को अटक करने में कठिनाई हो रही है। इसके मद्देनजर स्वामी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में छापे मारे जा रहे हैं

इस पूरे प्रकरण ने संस्थान में छात्राओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आरोपी को सजा दिलाना और ऐसे मामलों में कड़ा कदम उठाना ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोक सकता है।

पुलिस ने कहा है कि जांच अभी जारी है और सभी साक्ष्यों का परीक्षण कर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा अब प्राथमिकता बन गई है।

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