धर्मनिंदा के मामले भारत की एकता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा: फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र मुस्लिम्स

जालना / कादरी हुसैन
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 25 मुस्लिम युवकों पर केवल “आई लव मुहम्मद ﷺ” लिखे पोस्टर लगाने के कारण एफआईआर दर्ज किए जाने की घटना ने देशभर में चिंता और आक्रोश पैदा किया है। इस घटना को लेकर फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र मुस्लिम्स ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह कदम न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि देश की एकता और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती है।
फेडरेशन ने सवाल उठाया कि “क्या हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहाँ केवल मुहब्बत और आस्था का इज़हार करना भी अपराध माना जा रहा है? अगर ‘आई लव मुहम्मद ﷺ’ लिखना गलत है, तो इसमें आपत्तिजनक क्या है?” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस का यही रवैया भीड़ हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देता है।
फेडरेशन के नेताओं ने कहा कि भारत में शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता हो जब धर्मनिंदा की घटनाएं न हों। 2014 के बाद से मुसलमानों को डराने-धमकाने और परेशान करने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि अगर नीयत साफ होती तो कानून-व्यवस्था कायम रहती, लेकिन जब किसी खास वर्ग को निशाना बनाया जाता है, तब दंगे और अशांति की स्थिति उत्पन्न होती है।
बयान में गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के अहमदनगर की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया कि “कभी मुस्लिम युवकों को सड़कों पर अपमानित किया जाता है, तो कभी सोशल मीडिया पोस्ट्स के बहाने हिंसा भड़काई जाती है। ये सब केवल मुस्लिम समाज के खिलाफ नफरत फैलाने की साज़िश है, जो भारत की एकता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।”
फेडरेशन ने चेतावनी दी कि मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर उन्हें बार-बार निशाना बनाना अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि मुस्लिम समाज कानून के दायरे में रहकर ही अपनी आवाज उठाएगा। मुस्लिम युवकों से अपील की गई कि वे किसी भी उकसावे में न आएं, बल्कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन, कानूनी लड़ाई और अदालत का सहारा लें।
फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र मुस्लिम्स की इस संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति पर जिन प्रमुख धार्मिक व सामाजिक नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं, उनमें शामिल हैं—
- मौलाना उमरैन महफूज़ रहमानी, सचिव, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- महमूद अहमद दरियाबादी, महासचिव, उलेमा काउंसिल
- मौलाना हाफिज़ इलियास ख़ान फलाही, अमीर-ए-हल्का, जमात-ए-इस्लामी हिंद
- मौलाना हाफिज़ सैयद अतहर, अध्यक्ष, उलेमा एसोसिएशन मुंबई
- मौलाना हलीमुल्लाह क़ासमी, अध्यक्ष, जमीयत उलेमा-ए-हिंद महाराष्ट्र
- फ़रीद शेख, अध्यक्ष, अमन कमेटी मुंबई
- अब्दुल हफ़ीज़, पत्रकार, जालना
- मौलाना जहीर अब्बास रिज़वी, उपाध्यक्ष, शिया पर्सनल लॉ बोर्ड
- डॉ. सईद अहमद फैज़ी, नाज़िम-ए-उमूमी, जमीयत अहल-ए-हदीस महाराष्ट्र
- मौलाना मुफ्ती हुजैफ़ा क़ासमी, नाज़िम तंज़ीम, जमीयत उलेमा-ए-हिंद महाराष्ट्र
- मौलाना आगा रूह ज़फ़र, इमाम, खो़जा जमात, मुंबई
- मौलाना अनीस अशरफ़ी, रज़ा फाउंडेशन, मुंबई
- मौलाना निज़ामुद्दीन फखरुद्दीन, सदस्य, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पुणे
- हुमायून शेख, नाज़िम, मुंबई जमात-ए-इस्लामी हिंद
- शेख अब्दुल मुजीब, समन्वयक, फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र मुस्लिम्स
फेडरेशन ने अंत में कहा कि “सरकार का कर्तव्य है कि वह नफरत फैलाने वालों और दंगे भड़काने वालों पर सख्त कार्रवाई करे। मुस्लिम समाज को निशाना बनाना बंद कर देश की एकता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।”
