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जमीयतुल उलेमा (अर्शद मदनी) की ओर से हाजी मखदूम उर्दू प्रा. शाला, जालना में सीरतुन्नबी ﷺ का भव्य कार्यक्रम संपन्न

जालना / कादरी हुसैन

रबीउल अव्वल के पाक महीने में पैगंबर हजरत मोहम्मद ﷺ की सीरत और उनकी शिक्षाओं को आम करने के उद्देश्य से जमीयतुल उलेमा (अर्शद मदनी) की ओर से हाजी मखदूम उर्दू प्राथमिक शाला, जालना में सीरतुन्नबी ﷺ का एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन सीरत पाक मोहिम का हिस्सा था, जिसके अंतर्गत जिले के विभिन्न विद्यालयों और कॉलेजों में लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

आज हुए इस समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना सय्यद नसरुल्ला हुसैनी सोहेल नदवी (उपाध्यक्ष, जमीयतुल उलेमा, अर्शद मदनी, जालना) ने की। स्कूल के बच्चों ने कुरआन पाठ, नात-ए-पाक और उर्दू, मराठी, अंग्रेज़ी व अरबी भाषाओं में ओजस्वी भाषण प्रस्तुत किए, जिन्हें उपस्थित जनसमूह ने बेहद सराहा। विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।

मुख्याध्यापक मोहम्मद अशफाक सर ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक रखते हुए जमीयतुल उलेमा की सेवाओं की प्रशंसा की। मौलाना ईसा खान काशफ़ी ने विद्यालय की तरक्की को सराहनीय बताया। मुफ़्ती सय्यद नोमान हुसैनी नदवी और मौलाना एहसान नदवी ने पैगंबर ﷺ के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनकी राह पर चलकर इंसानियत को नई दिशा मिल सकती है।

अल्हाज मोहम्मद इफ्तेखारुद्दीन सर (सचिव, अंजुमन-ए-इशाअत-ए-तालीम व उपाध्यक्ष, जमीयतुल उलेमा) ने बच्चों को माता-पिता की आज्ञाकारिता, शिक्षा से जुड़ाव और पैगंबर ﷺ की शिक्षाओं पर अमल करने का संदेश दिया। अध्यक्षीय भाषण में मौलाना नसरुल्ला हुसैनी सोहेल नदवी ने कहा कि “इस विद्यालय के शिक्षक बच्चों को न सिर्फ पढ़ा रहे हैं बल्कि उन्हें पैगंबर ﷺ के आदर्श जीवन से भी जोड़ रहे हैं, जो सबसे बड़ी नेमत है।”

कार्यक्रम में जमात-ए-इस्लामी हिंद की प्रतिनिधि आमीना अलमास बाजी ने इस्लाम में महिलाओं के स्थान और उनकी भूमिका पर व्याख्यान दिया। माजिद सर ने कार्यक्रम का संचालन किया और अय्यूब खान सर ने आभार व्यक्त किया। विद्यालय की ओर से अतिथियों का स्वागत शॉल और पुष्पहारों से किया गया।

इस अवसर पर मौलाना नसरुल्ला हुसैनी सोहेल नदवी, अल्हाज मोहम्मद इफ्तेखारुद्दीन सर, मौलाना ईसा खान काशफ़ी, मुफ़्ती सय्यद नोमान हुसैनी नदवी, मौलाना एहसान नदवी, मौलाना हक्कानी, हाजी जलील सेठ, अता मोहम्मद बख़्शी, हाफ़िज़ कारी मोहम्मद माज, अहमद नूर कुरैशी, लियाक़त अली खान यासिर, मौलाना आमिर नदवी सहित बड़ी संख्या में सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक क्षेत्र के लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम का समापन हाफ़िज़ अब्दुल सलाम कुरैशी की दिल को छू लेने वाली दुआ पर हुआ।

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