तृतीय विदर्भ लेखिका साहित्य सम्मेलन 2025 अमरावती में — अभिजात मराठी साहित्य को समर्पित महोत्सव

अमरावती/द्वारा–कादरी हुसैन
नागपुर स्थित मायमराठी नक्षत्र प्रतिष्ठान के तत्वावधान में “तृतीय विदर्भ लेखिका साहित्य सम्मेलन 2025” का आयोजन आगामी 5 और 6 अक्टूबर को अमरावती के कांचन रिसॉर्ट में होने जा रहा है। यह सम्मेलन साहित्य, संस्कृति और स्त्री-सशक्तिकरण का संगम बनने जा रहा है।
इस प्रतिष्ठित आयोजन की अध्यक्षता आदिवासी साहित्य की प्रसिद्ध अध्येता और लेखिका माननीय उषाकिरण आत्राम करेंगी, जबकि उद्घाटन समारोह नागपुर की सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. मनीषा यमसनवार के शुभहस्ते संपन्न होगा।

अमरावती की फर्स्ट लेडी गवर्नर माननीय कमलताई गवई मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन की शोभा बढ़ाएँगी, वहीं पुणे की प्रख्यात साहित्यकार ज्योत्स्नाताई चांदगुडे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। आयोजन समिति की ओर से अमरावती की जानी-मानी उद्यमी कांचनताई उल्हे को स्वागताध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है।
पूर्व अध्यक्ष और प्रसिद्ध उपन्यासकार विजयाताई ब्राह्मणकर नई अध्यक्षा को सूत्र हस्तांतरण हेतु मंच पर उपस्थित रहेंगी।
‘अभिजात मराठी’ थीम के साथ समृद्ध परंपरा का उत्सव
3 अक्टूबर 2024 को मराठी भाषा को “अभिजात दर्जा” प्राप्त हुए एक वर्ष पूर्ण हो चुका है। इस ऐतिहासिक प्रसंग को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष सम्मेलन की थीम “अभिजात मराठी” रखी गई है।
दो दिवसीय इस आयोजन का शुभारंभ ग्रंथदिंडी से होगा, जिसके पश्चात दस विविध सत्रों के माध्यम से साहित्यिक चर्चाएँ, कवि सम्मेलन, ग़ज़ल मुशायरा, कथाकथन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अभिरूप न्यायालय सत्र आयोजित किए जाएँगे।
मुख्य विषयों में —
- “मराठी भाषा की अभिजात समृद्धि में वैदर्भीय लेखिकाओं का योगदान”
- “बदलती जीवनशैली और स्त्री दृष्टिकोण” जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।
सम्मेलन स्मारिका और साहित्यिक प्रकाशन
इस अवसर पर स्मारिका “विदर्भ शलाका 2025” का प्रकाशन किया जाएगा। साथ ही, वैदर्भीय कवयित्रियों की “अभिजात मराठी” को समर्पित कविताओं का विशेष संकलन “अक्षरवलय” (समग्र प्रकाशन, तुळजापूर) से प्रकाशित होगा। कई लेखिकाओं के व्यक्तिगत काव्य, कथा और गीत संग्रह भी इसी अवसर पर जारी किए जाएँगे।
‘विदर्भ रत्न स्त्रीरत्न पुरस्कार’ से सम्मान
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर चुकी महिलाओं को “विदर्भ रत्न स्त्रीरत्न पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मान के लिए चयनित नामों में —
रजनीदीदी राठी, प्रभाताई आवारे, रजिया सुलतान, कमलताई रहाटे और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक खिलाड़ी प्राची पारखी शामिल हैं।
समारोप और सत्कार सत्र
समापन सत्र की अध्यक्षता मराठी चित्रपट महामंडळ, मुंबई की पूर्व निदेशक माननीय माधुरीताई आशिरगडे करेंगी। इस अवसर पर सुदर्शन गांग और वासंतीताई मंगरुळे प्रमुख अतिथि होंगी।
सम्मेलन में अमरावती के गोविंदजी कासट, डॉ. दिलीप सिंह खांबरे, डॉ. सतीश तराळ, विलास मराठे और नरेशचंद्र काठोळे का विशेष सत्कार भी किया जाएगा।
उद्देश्य: अनसुनी लेखिकाओं को मंच देना
आयोजकों का कहना है कि कई प्रतिभाशाली महिला लेखिकाएँ आर्थिक या पारिवारिक सहयोग के अभाव में समाज तक अपनी रचनाओं को पहुँचा नहीं पातीं। यह सम्मेलन उन “अनसुनी आवाज़ों” को सामने लाने और उनके सृजन को सम्मान दिलाने का प्रयास है।
पहले नागपुर और दूसरे अकोला में सफल आयोजन के बाद, अमरावती में होने वाला यह “तृतीय विदर्भ लेखिका साहित्य सम्मेलन” भी निस्संदेह साहित्यिक इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ेगा।
मायमराठी नक्षत्र प्रतिष्ठान की अध्यक्षा विजया मारोतकर, सचिव मंगेश बाबसे, कोषाध्यक्ष डॉ. माधव शोभणे और सभी पदाधिकारी इस भव्य सम्मेलन की सफलता के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
