औरंगाबाद में गैंगवार से दहशत — बेटों की आंखों के सामने पिता की क्रूर हत्या, नौ घंटे में पुलिस ने दो आरोपी दबोचे

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
औरंगाबाद के रेल्वे स्टेशन उड्डाण पुल के नीचे बुधवार रात एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे शहर को हिला दिया। पुराने विवाद के चलते एक गैंग ने 38 वर्षीय सैयद इमरान सैयद शफीक की उसके दो छोटे बेटों के सामने ही सड़क पर बेरहमी से हत्या कर दी।
यह घटना रात करीब 8:30 बजे हुई। इमरान अपने दो बेटों — 13 वर्षीय आयान और 3 वर्षीय आजान के साथ बाहर गया था। घर लौटते समय जब वह अपनी रिक्शा से सिल्क मिल कॉलोनी इलाके में उड्डाण पुल के नीचे पहुंचा, तभी तेज़ रफ्तार कार ने उसकी रिक्शा को रोका। कार से 5–6 बदमाश उतरे, बच्चों को बाहर निकाला और धारदार हथियारों से इमरान पर हमला कर दिया।
इमरान ने बचने की कोशिश की तो हमलावरों ने उसकी उंगलियां काट डालीं, दायां हाथ लगभग अलग कर दिया, और फिर सिर व गर्दन पर वार कर उसकी मौके पर ही हत्या कर दी।
नौ घंटे में दो आरोपी गिरफ्तार
इस वारदात के बाद सातारा पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए नौ घंटे के भीतर दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया —
- सद्दाम हुसैन मोईनुद्दीन (34, निवासी भीमनगर, भावसिंगपुरा)
- शेख इरफान शेख सुलेमान (निवासी बीड बायपास)
दोनों को झालटा फाटा क्षेत्र में चलती कार को रोककर पकड़ा गया। पुलिस ने उनकी कार से हत्या में इस्तेमाल चाकू और तलवार भी बरामद की है।
पुराने विवाद का नतीजा
पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक इमरान का सैयद मुजीब उर्फ मुजीब डॉन से पुराना विवाद था। दोनों गुटों के बीच 31 मई को भी झगड़ा हुआ था, जिसमें इमरान पक्ष ने मुजीब और उसके भाइयों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
इमरान के भाई सैयद सलमान ने आरोप लगाया है कि उसी का बदला लेने के लिए मुजीब और उसके सहयोगियों ने बुधवार को यह हत्या की। इस मामले में सैयद सद्दाम, सैयद शादाब, सैयद मुजीब, सैयद मोसिन और शाहरुख कुरेशी सहित कई लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
मुजीब डॉन का आपराधिक इतिहास
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी मुजीब डॉन पहले नेवासा फाटा क्षेत्र से औरंगाबाद आया था और मनपा मुख्यालय के पास उसका वॉशिंग सेंटर है। मई में गैस व्यवसाय को लेकर इमरान से उसका विवाद हुआ था।
मुजीब पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2017 में उसे अपराध शाखा ने अवैध पिस्तौल बिक्री रैकेट में गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा, करीब दस साल पहले एक प्रसिद्ध वकील पर हुए फर्जी गोलीकांड में भी मुजीब का नाम सामने आया था। उस मामले में लष्करे हत्याकांड के आरोपी मुजफ्फर शेख को गोली चलाने की सुपारी इसी मुजीब ने दी थी, जिसके बाद पुलिस निरीक्षक अविनाश आघाव और गजानन कल्याणकर ने उसे गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी मुजीब और उसके साथियों की तलाश जारी है। शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और मामले की जांच तेज़ी से की जा रही है।
