राज्यस्तरीय अनुकंपा और लिपिक भर्ती नियुक्ति आदेश वितरण समारोह संपन्न — 128 उम्मीदवारों का सरकारी नौकरी का सपना हुआ पूरा

जालना/कादरी हुसैन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 150 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित राज्यस्तरीय अनुकंपा व लिपिक भर्ती नियुक्ति आदेश वितरण समारोह शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को पूरे उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर कुल 128 पात्र उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में नियुक्तिपत्र प्रदान किए गए, जिससे उनका लंबे समय से प्रतीक्षित रोजगार का सपना साकार हुआ।

जालना जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन भवन में आयोजित इस समारोह में विधायक अर्जुन खोतकर, विधायक बबनराव लोणीकर, विधायक नारायण कुचे, जिलाधिकारी आशिमा मित्तल, पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिरीष बनसोडे, अपर जिलाधिकारी रीता मैत्रेवार, महापालिका आयुक्त संतोष खांडेकर, निवासी उपजिल्हाधिकारी शशिकांत हदगल तथा जिला आपूर्ति अधिकारी सविता चौधर सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मंत्री गिरीश महाजन, मंत्री छगन भुजबळ और मंत्री दादाजी भूसे ने राज्यभर के उम्मीदवारों को नियुक्तिपत्र प्रदान किए। वहीं, पालकमंत्री पंकजाताई मुंडे ने दृकश्राव्य माध्यम से समारोह में सहभाग लेकर चयनित उम्मीदवारों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि — “राज्य सरकार का उद्देश्य पात्र युवाओं को समय पर रोजगार उपलब्ध कराना है। जालना जिला प्रशासन ने अतिवृष्टि की परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्य कर मानवता का परिचय दिया।”
राज्यस्तर पर कुल 5187 अनुकंपा नियुक्ति और 5122 लिपिक-टंकलेखक भर्ती के उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में नियुक्त किया गया। यह प्रक्रिया मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के नेतृत्व में पारित संशोधित नीति के अंतर्गत की गई, ताकि सरकारी कर्मचारियों के निधन से प्रभावित परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिल सके।
जालना जिले में आयोजित इस विशेष समारोह में अनुकंपा आधार पर गट-‘क’ और गट-‘ड’ के 79 उम्मीदवारों तथा महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की अनुशंसा से 49 उम्मीदवारों को नियुक्तिपत्र प्रदान किए गए। समारोह में बड़ी संख्या में उम्मीदवार व उनके परिवारजन उपस्थित रहे।
यह आयोजन न केवल रोजगार प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम साबित हुआ, बल्कि सरकार की पारदर्शी और संवेदनशील नीति का भी प्रतीक बना।
