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भोकरदन में शेतकरी आक्रोश मोर्चा संपन्न — शशिकांत शिंदे ने की संपूर्ण कर्जमाफी की मांग, रोहित पवार बोले: ‘ओला सूखा घोषित कर ₹50 हजार प्रति हेक्टर मदद दें’

भोकरदन/करीम लाला 

राज्यभर के किसानों की न्यायपूर्ण मांगों और हाल ही में हुई अतिवृष्टि (ओले-दुष्काळ) की पृष्ठभूमि पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गट) की ओर से भोकरदन में भव्य शेतकरी आक्रोश मोर्चा आयोजित किया गया। इस मोर्चे में हजारों की संख्या में किसान, मजदूर, व्यापारी, महिलाएं और युवा शामिल हुए।

मोर्चे को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा, “महाराष्ट्र के सभी किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी की जाए।” वहीं विधायक रोहित पवार ने मांग की कि “महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र में ओला दुष्काळ घोषित कर किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाए।”

खासदार निलेश लंके ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जनता के मूल प्रश्नों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार समाज में जाति और धर्म के नाम पर विभाजन की राजनीति कर रही है।”

इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजेश टोपे, खासदार डॉ. कल्याणराव काळे, युवक प्रदेशाध्यक्ष महेबुब शेख, माजी आमदार चंद्रकांत दानवे और कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

किसानों की स्थिति अत्यंत गंभीर
अतिवृष्टि के कारण भोकरदन व जाफराबाद तालुकों में भारी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भर गया, फसलें नष्ट हुईं और शहर के कई घरों व दुकानों में बाढ़ का पानी घुसने से बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ। इसी पृष्ठभूमि में किसानों की न्याय्य मागणियों को लेकर यह आंदोलन किया गया।

मोर्चे में किसानों ने बैलगाड़ियां और ट्रैक्टरों के साथ जोरदार उपस्थिति दर्शाई। “शेतकऱ्यांना कर्जमाफी दिलीच पाहिजे,” “वीज बिल माफ करा,” “शरदचंद्र पवार साहेबांचा जयघोष” जैसे नारों से भोकरदन शहर गूंज उठा।

राज्य सरकारला जागवण्यासाठी हा लढा!
पूर्व आमदार चंद्रकांत दानवे ने कहा, “यह लढा सत्तेसाठी नाही, शेतकऱ्यांच्या न्यायासाठी आहे।” पूर्व मंत्री राजेश टोपे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी और उपविभागीय अधिकारी को निवेदन सौंपा गया।

मुख्य मागण्या (प्रमुख मांगें):

  • राज्यातील सर्व शेतकऱ्यांची संपूर्ण कर्जमाफी करून 7/12 कोरा करावा।
  • ओला दुष्काळ घोषित करून प्रति हेक्टर ₹50,000 नुकसानभरपाई द्यावी।
  • भूमिहीन व शेतमजूर कुटुंबांना ₹25,000 भरपाई द्यावी।
  • माती वाहून गेलेल्या शेतीसाठी प्रति हेक्टर ₹1 लाख भरपाई द्यावी।
  • जनावरे मृत झालेल्या शेतकऱ्यांना — मोठ्या जनावरांसाठी ₹70,000 व लहान जनावरांसाठी ₹15,000 भरपाई।
  • रब्बी हंगामासाठी बी-बियाणे व खतांसाठी ₹25,000 मदत द्यावी।
  • कृषीपंप वीज बिल माफ करून मोफत पीकविमा योजना लागू करावी।
  • शेतकरी मुलांचे 2025–26 शैक्षणिक शुल्क व परीक्षा फी शासनाने भरावी।
  • पूरग्रस्त व्यापारी व नागरिकांना घर-दुकान नुकसानीची भरपाई द्यावी।
  • MREGS योजनेतील विहिरींच्या मंजुरीतील भ्रष्टाचाराची चौकशी करून दोषींवर कारवाई करावी।

मोर्चा शांततेत संपन्न झाला, पण शेतकऱ्यांच्या प्रश्नांवरील संताप व वेदना स्पष्टपणे जाणवत होत्या। राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी (शरद पवार गट) ने स्पष्ट संदेश दिला की — “शेतकऱ्यांच्या हक्कासाठी आम्ही रस्त्यावर उतरलो आहोत.”

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