गंगापुर में शिक्षक पद रिक्त होने से भड़के पालक, मशाल फूंककर किया शांततामय आंदोलन — शिक्षण विभाग ने तुरंत की नियुक्ति

गंगापुर/प्रतिनिधि
गंगापुर तालुका के वसुसायगांव स्थित जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की रिक्त पदों के विरोध में शुक्रवार (10 अक्टूबर) को अभिभावकों और ग्रामीणों ने अनोखा आंदोलन किया। शिक्षण विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए ग्रामस्थों ने सीधे पंचायत समिति कार्यालय में मशाल जलाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। यह आंदोलन सुबह 11 बजे शुरू हुआ और दोपहर 3 बजे तब समाप्त हुआ जब शिक्षा विभाग की ओर से नए शिक्षकों की नियुक्ति का लिखित आदेश प्राप्त हुआ।
वसुसायगांव प्राथमिक विद्यालय में फिलहाल 155 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल के लिए स्वीकृत सात शिक्षकों के पदों में से केवल तीन शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से एक जनवरी 2025 से अनुपस्थित है। वहीं, मुख्याध्यापक का पद भी रिक्त है, जिसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। इस स्थिति में ग्रामस्थों ने पांच टेम्पो में छात्रों को पंचायत समिति कार्यालय तक लाया और वहीं पर उन्हें पढ़ाई कराई।
महिलाओं ने आंदोलन स्थल पर खिचड़ी बनाकर सहयोग किया। “हमारे बच्चों की शिक्षा हमारा अधिकार है” — इस नारे के साथ आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाया गया। आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगें थीं —
मुख्याध्यापक का पद तुरंत भरा जाए, अनुपस्थित शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाए, प्रतिनियुक्त शिक्षकों की जगह स्थायी शिक्षक नियुक्त किए जाएँ, और बिना स्कूल का निरीक्षण किए झूठे रिपोर्ट देने वाले शिक्षा विस्तार अधिकारी पर कार्रवाई की जाए।
आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए गटविकास अधिकारी सुहास वाकचौरे, गटशिक्षणाधिकारी अरविंद कापसे और शिक्षा विस्तार अधिकारी अनिलकुमार सुकदेव ने मौके पर पहुंचकर पालकों और शिक्षकों से चर्चा की। प्रशासन ने छह नए शिक्षक पद स्वीकृत करते हुए तत्काल नियुक्ति का निर्णय लिया।
आदेश के अनुसार, नए शिक्षकों को अगले ही दिन स्कूल में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए। शिक्षक की कमी जैसे गंभीर मुद्दे पर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर ग्रामस्थों ने प्रशासन को झुकाने में सफलता पाई।
इस आंदोलन में पूर्व जिला परिषद सदस्य संतोष जाधव, शालेय शिक्षण समिति अध्यक्ष नामदेव मोरे, पूर्व सरपंच सुनील नरोडे, बाबासाहेब ठोकळ, रामहरी नरोडे, ज्ञानेश्वर शेलार समेत सैकड़ों अभिभावक और ग्रामीण उपस्थित थे।
छात्रों ने “शिक्षक चाहिए, शिक्षक चाहिए” जैसे नारों से पंचायत समिति परिसर को गूंजा दिया। शिक्षण विभाग की त्वरित कार्रवाई के बाद आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हुआ।
