जालना में 2000 करोड़ रुपये का भूमि घोटाला — मुख्य आरोपी शेख मुश्ताक शेख आमीर अब तक फरार, शिकायतकर्ता ने क्राइम ब्रांच को जांच सौंपने की मांग की

जालना/कादरी हुसैन
जालना शहर में हुए लगभग 2000 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले ने प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। इस प्रकरण में आरोपी शेख मुश्ताक शेख आमीर (निवासी कुच्चरवाटा, जुना जालना) के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और ठगी के गंभीर आरोपों के तहत तालुका पुलिस स्टेशन, जालना में मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता विजय शंकरसिंह हजारी ने आरोप लगाया है कि — “एफआईआर दर्ज होने के बावजूद तालुका पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। सवाल यह है कि आरोपी पुलिस की पहुंच से बाहर क्यों है?”
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला लगभग डेढ़ से दो हजार करोड़ रुपये का है, जिसमें आरोपी ने करीब 20 से 22 हजार नागरिकों को फर्जी प्लॉट बेचकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। जालना के कन्हैयानगर निवासी हजारी ने 20 मार्च 2025 को इस प्रकरण की शिकायत विधायक अर्जुनराव खोतकर को दी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए विधायक खोतकर ने इसे महाराष्ट्र विधानसभा के ग्रीष्मकालीन अधिवेशन में उठाया और महसूल मंत्री को लिखित शिकायत सौंपी। महसूल मंत्री ने तत्परता दिखाते हुए विभागीय आयुक्त, छत्रपती संभाजीनगर को जांच के आदेश दिए।
विभागीय आयुक्त की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि आरोपी शेख मुश्ताक शेख आमीर ने बनावटी कृषक आदेशों के आधार पर फर्जी प्लॉट बेचे और हजारों नागरिकों से ठगी की। इस रिपोर्ट के बाद जिल्हाधिकारी, जालना ने सह दुय्यम निबंधक-1 व 3 को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए थे।
इसके बाद 4 अक्टूबर 2025 को आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि, एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आरोपी अब तक फरार है।
शिकायतकर्ता हजारी ने 8 अक्टूबर 2025 को विशेष पुलिस महानिरीक्षक, औरंगाबाद को आवेदन देकर इस मामले को जालना क्राइम ब्रांच को सौंपने की मांग की है। उनका कहना है कि — “हमें कानून और पुलिस पर भरोसा है, लेकिन इतने बड़े घोटाले की निष्पक्ष जांच क्राइम ब्रांच द्वारा ही संभव है।”
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस की धीमी कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सख्त कदम उठाए गए होते, तो आरोपी अब तक पुलिस हिरासत में होता।
यह मामला जालना जिले में अब तक के सबसे बड़े भूमि घोटालों में से एक माना जा रहा है, और इसके आगे की जांच को लेकर नागरिकों में गहरी रुचि बनी हुई है।
