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जालना जिले में 15 साल बाद पूरी हुई पुलिस पाटिल भर्ती प्रक्रिया, पारदर्शी परीक्षा से जिला प्रशासन ने रचा नया इतिहास

जालना/कादरी हुसैन

जालना जिला प्रशासन ने पिछले 15 वर्षों से लंबित पुलिस पाटिल भर्ती प्रक्रिया को अत्यंत पारदर्शिता, शुचिता और अनुशासन के साथ संपन्न करते हुए एक ऐतिहासिक कार्य किया है। इस भर्ती के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को एक सशक्त और विश्वसनीय तंत्र प्राप्त होगा।

जिले के जालना उपविभाग के 185, भोकरदन के 201, अंबड के 184 और परतूर के 154 — ऐसे कुल 724 रिक्त पदों के लिए रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक जिलेभर के 24 परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा शांतिपूर्वक आयोजित की गई।

भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह अनुशासित और निष्पक्ष रहे, इसके लिए जिला प्रशासन ने व्यापक योजना बनाई थी। सभी परीक्षा केंद्रों पर स्थिर पथक व उड़न पथक (फ्लाइंग स्क्वॉड) की नियुक्ति की गई थी। इसके साथ ही तकनीकी निगरानी के माध्यम से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना को समाप्त किया गया।

इस परीक्षा में कुल 8,163 में से 7,843 अभ्यर्थी उपस्थित रहे, जबकि 320 अनुपस्थित थे। परीक्षा की उत्तर कुंजी (Answer Key) उसी दिन प्रकाशित की जा रही है, जिस पर उम्मीदवार 13 अक्टूबर की शाम 6 बजे तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। अंतिम उत्तर कुंजी उसी दिन संध्या तक जारी की जाएगी। इसके बाद पात्र अभ्यर्थियों की सूची जिला प्रशासन की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी और साक्षात्कार 15 अक्टूबर से आगे शुरू होंगे।

जिला प्रशासन के अनुसार, पुलिस पाटिल का पद ग्रामीण प्रशासन की रीढ़ माना जाता है — जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाता है। यह अधिकारी राजस्व प्रशासन की “आंख और कान” के रूप में कार्य करता है, जिससे प्रशासनिक प्रणाली अधिक सशक्त और प्रभावी बनती है।

यह पूरी भर्ती प्रक्रिया जिलाधिकारी श्रीमती आशिमा मित्तल के मार्गदर्शन में संचालित हुई। इस सफलता में पुलिस अधीक्षक श्री अजय कुमार बंसल, अपर पुलिस अधीक्षक श्री आयुष नोपाणी, अपर जिलाधिकारी श्रीमती रीता मेत्रेवार, उपजिल्हाधिकारी (रोहयो) श्रीमती मनिषा दांडगे, उपजिल्हाधिकारी (सामान्य प्रशासन) श्रीमती नम्रता चाटे, उपविभागीय अधिकारी जालना श्री रामदास दौंड, अंबड उपविभागीय अधिकारी श्री उमाकांत पारधी, भोकरदन उपविभागीय अधिकारी श्री बी. सरवनन, परतूर उपविभागीय अधिकारी श्री पद्माकर गायकवाड़, तथा सभी तहसीलदार, राजस्व अधिकारी और तकनीकी टीम का विशेष योगदान रहा।

जिलाधिकारी श्रीमती आशिमा मित्तल ने कहा —

“यह भर्ती प्रक्रिया वर्षों से लंबित थी। टीमवर्क, पारदर्शिता और अनुशासन के कारण इसे समय पर और सफलतापूर्वक पूरा किया जा सका है। यह पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है।”

इस ऐतिहासिक भर्ती प्रक्रिया ने न केवल प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि संगठित प्रयासों से वर्षों से लंबित कार्य भी सफलता पूर्वक पूरे किए जा सकते हैं। Ll

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