औरंगाबाद: झोपड़पट्टीवासियों को फिर से घर दिलाने की मांग — पैंथर संगठन का जिलाधिकारी कार्यालय पर आंदोलन, सात दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े आंदोलन की चेतावनी

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
औरंगाबाद में स्लम (झोपड़पट्टी) क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के घर तोड़े जाने के बाद उन्हें रमाई आवास घरकुल योजना के तहत नए घर उपलब्ध कराए जाएं, इस मांग को लेकर पैंथर संगठन ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर निवेदन सौंपा।

आंदोलनकारियों ने बताया कि पिछले 45 वर्षों से शहर के विभिन्न स्लम क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों के घर महानगरपालिका द्वारा तोड़े गए हैं, जिससे वे बेघर हो गए हैं। विशेष रूप से आंबेडकर नगर, नारेगांव, मुकुंदवाडी, पडेगांव और चिकलठाणा क्षेत्रों के नागरिक अब खुले आसमान के नीचे जीवन बसर करने को मजबूर हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने पहले इन्हीं नागरिकों को रमाई घरकुल योजना के तहत घर बनाकर दिए थे, लेकिन अब उन्हीं घरों को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर गिरा दिया गया — वह भी बरसात के मौसम में, जिससे लोगों को भारी कष्ट उठाना पड़ा।

संगठन ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप करते हुए इन बेघर नागरिकों को रमाई आवास योजना के तहत नए घर उपलब्ध कराए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर सात दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो पैंथर संगठन व्यापक जनआंदोलन करेगा।
इस मौके पर पैंथर अध्यक्ष लक्ष्मण दादा भुतकर, धम्मपाल दांडगे, शेख मोहसिन, शरीफ लाल, पठाण, और संजय सरोदे समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस प्रदर्शन से शहर के सामाजिक और प्रशासनिक वर्ग में हलचल मच गई है, क्योंकि बरसात के बीच बेघर हुए इन परिवारों के पुनर्वसन का मुद्दा अब जनआंदोलन का रूप लेने लगा है।
