औरंगाबाद में 12 नए फ्लाईओवर और 2 अंडरग्राउंड मार्ग बनाए जाएंगे, महावीर चौक से पडेगांव तक डबल-डेकर पुल की योजना

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
औरंगाबाद शहर के रस्तों के विकास को लेकर गुरुवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस सादरीकरण में बताया गया कि शहर में कुल 12 नए उड्डाणपूल (फ्लाईओवर) और 2 भुयारी मार्ग (अंडरग्राउंड टनेल) बनाना आवश्यक है। महावीर चौक से पडेगांव तक डबल-डेकर फ्लाईओवर बनाने की सिफारिश की गई है। इस परियोजना का विस्तृत प्रकल्प अहवाल (DPR) तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
नगर निगम ने सड़क चौड़ीकरण के तहत 5 प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है — जिनमें पडेगांव–मिटमिटा रोड, पैठण रोड, महानुभाव आश्रम से झाल्टा फाटा (बीड बायपास रोड), जालना रोड और जळगांव रोड शामिल हैं। इन सड़कों के संपूर्ण विकास के लिए प्रशासक जी. श्रीकांत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से कई बार चर्चा की। इसके बाद नगर निगम ने ‘पेडेको’ नामक एजेंसी को नियुक्त किया, जिसने दो महीने तक सर्वे कर परियोजना का प्रारंभिक डीपीआर तैयार किया।
‘पेडेको’ के प्रतिनिधि विजय पवार के अनुसार, महावीर चौक से पडेगांव के बीच डबल-डेकर फ्लाईओवर बनाना आवश्यक है। वहीं नगरनाका से दौलताबाद टी पॉइंट तक 8 किलोमीटर के रास्ते पर सेना के कार्यालय के लिए अंडरग्राउंड मार्ग बनाने की सिफारिश की गई है।
जालना रोड पर 3 नए फ्लाईओवर
वर्तमान में जालना रोड पर 4 फ्लाईओवर हैं। ‘पेडेको’ ने 3 और नए फ्लाईओवर की सिफारिश की है — हाईकोर्ट सिग्नल के पास, मुकुंदवाडी चौक, और धूत हॉस्पिटल से सुखना नदी के पुल तक।
बीड बायपास पर 3 अतिरिक्त पुल
बीड बायपास रोड पर पहले से ही 3 फ्लाईओवर हैं। अब वहां और 3 नए फ्लाईओवर की सिफारिश की गई है ताकि ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके।
जळगांव रोड पर 3 नए फ्लाईओवर
गरवारे कंपनी, डॉ. आंबेडकर चौक और अहिल्यादेवी होळकर चौक पर नए फ्लाईओवर बनाने का सुझाव दिया गया है।
पैठण रोड पर डबल-डेकर पुल
पैठण रोड पर मौजूदा रेलवे स्टेशन के फ्लाईओवर को महानुभाव आश्रम तक बढ़ाने और नक्षत्रवाडी से बिडकीन के बीच डबल-डेकर फ्लाईओवर बनाने की योजना है।
नगरनाका से पडेगांव तक 6-लेन डबल-डेकर फ्लाईओवर
महावीर चौक से पडेगांव के बीच प्रस्तावित डबल-डेकर फ्लाईओवर को 6 लेन का बनाने की सिफारिश की गई है। वहीं सेना के कार्यालय और कैंटीन क्षेत्र के लिए अंडरग्राउंड मार्ग तैयार करने का सुझाव भी दिया गया है।
नगर निगम द्वारा नियुक्त एजेंसी ने 2 महीने के अध्ययन के बाद इस परियोजना का प्राथमिक डीपीआर तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही राज्य सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा।
