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जालना नगर निगम में नया विवाद — अतिरिक्त आयुक्त अर्जुन गिराम के आदेश पलटने पर उठे सवाल

चार दिन में बदल गया फैसला, पांजरपोळ फटाका बाजार को मिली मंजूरी — साद बिन मुबारक ने मांगी निष्पक्ष जांच

जालना/कादरी हुसैन

जालना नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अर्जुन गिराम एक बार फिर चर्चा में हैं। उन पर यह गंभीर आरोप लग रहा है कि उन्होंने अपने ही आदेश को पलटते हुए महज़ चार दिनों में पांजरपोळ परिसर में फटाका बाजार लगाने की अनुमति दे दी।

सूत्रों के अनुसार, 13 अक्टूबर 2025 को गिराम ने पांजरपोळ क्षेत्र में पटाखा बाजार के लिए जारी ना हरकत प्रमाणपत्र (NOC) रद्द कर दिया था। लेकिन मात्र तीन दिनों बाद, 16 अक्टूबर को उसी स्थल पर नया आदेश जारी कर बाजार को हरी झंडी दे दी गई।

सामाजिक कार्यकर्ता साद बिन मुबारक ने इस कदम को संदिग्ध बताते हुए कहा, “एक अधिकारी चार दिनों में अपना ही आदेश कैसे पलट सकता है? यह फैसला किस दबाव में लिया गया, यह स्पष्ट होना चाहिए। प्रशासन अगर जांच नहीं करता, तो हम विभागीय आयुक्त कार्यालय में औपचारिक तक्रार दर्ज करेंगे।”

स्थानीय नागरिकों ने भी इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि ऐसे त्वरित और विरोधाभासी निर्णयों से सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है, जो नागरिकों की जान-माल के लिए खतरा साबित हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में नगर निगम आयुक्त संतोष खांडेकर को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद भी निगम के कामकाज पर उठ रहे सवाल यह दर्शाते हैं कि जालना महानगरपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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