भोकरदन में त्योहारों के दौरान ट्रैफिक अव्यवस्था से नागरिक परेशान, पुलिस और प्रशासन पर उठे सवाल

भोकरदन/करीम लाला
भोकरदन शहर में दिवाली, भाऊबीज और गुढी पाडवा जैसे प्रमुख त्योहारों के अवसर पर नागरिकों को भारी ट्रैफिक अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्रों और मुख्य मार्गों पर न तो पर्याप्त पुलिस तैनात थी और न ही किसी तरह की वैकल्पिक यातायात योजना लागू की गई। इसके चलते कई स्थानों पर घंटों तक वाहन जाम और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि त्योहारों के दौरान हर साल बढ़ने वाली भीड़ को ध्यान में रखकर प्रशासन को पहले से योजना बनानी चाहिए थी। परंतु इस बार न तो ट्रैफिक पुलिस के दल नजर आए, न मार्गदर्शक बैरियर लगाए गए और न ही आपातकालीन गाड़ियों के लिए अलग लेन बनाई गई। इससे एंबुलेंस जैसी सेवाओं की आवाजाही में भी कठिनाई हुई।
एक व्यापारी ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “त्योहारों के समय पूरा बाजार लोगों से भरा रहता है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं दिखी। लोग पैदल और वाहन लेकर एक-दूसरे से टकरा रहे थे। ऐसा लगा मानो शहर में ट्रैफिक नियंत्रण की कोई योजना ही नहीं है।”
कई युवाओं और दुकानदारों ने नगर परिषद और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में त्योहारों और विशेष अवसरों के लिए स्थायी ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए, ताकि नागरिकों को असुविधा न हो और बाजार क्षेत्र में व्यवस्था बनी रहे।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि त्योहारों के समय प्रशासन की सक्रियता और पुलिस की उपस्थिति शहर की साख और सुरक्षा, दोनों के लिए आवश्यक है — क्योंकि भीड़ में छोटी-सी लापरवाही भी बड़े हादसों को जन्म दे सकती है।
