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बिहार चुनाव 2025: विकास और एकता को प्राथमिकता दें — खान एजाज़ अहमद की जनता से अपील

खासदार टाईम्स वृत्तसेवा

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज़ हो रही हैं, प्रदेश की राजनीति में समाजसेवक और लोकसभा चुनाव के सक्रिय उम्मीदवार खान एजाज़ अहमद का बयान नई राजनीतिक सोच को दिशा देता दिखाई दे रहा है। खासदार टाइम्स के मुख्य संपादक और जनहित मुद्दों पर सक्रिय रहने वाले खान एजाज़ अहमद ने बिहार के नागरिकों से एक भावनात्मक अपील की है कि वे अपने मत का उपयोग सोच-समझकर करें, क्योंकि “गलत सरकार चुनने का मतलब है — अगले पांच साल पछताना।

उन्होंने कहा कि इस बार बिहार का चुनाव धर्म या जाति पर नहीं, बल्कि रोज़गार, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों पर होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब वक्त आ गया है जब जनता उन ताकतों को पहचानें जो समाज में विभाजन, नफरत और धर्म के नाम पर राजनीति करती हैं।

खान एजाज़ अहमद ने अपने बयान में कहा —

“बिहार की जनता जागरूक है। अब उसे यह तय करना होगा कि वह किसे सत्ता में भेजती है — उन्हें जो सिर्फ नफरत फैलाते हैं, या उन्हें जो एकता, समानता और विकास की बात करते हैं। हमें याद रखना चाहिए कि देश धर्म से नहीं, बल्कि विकास, शिक्षा और रोज़गार से चलता है।”

उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे रोज़गार सृजन, महंगाई नियंत्रण और पारदर्शी शासन जैसे विषयों पर गंभीरता से सोचें और अपने वोट का इस्तेमाल राष्ट्रहित में करें।

खान एजाज़ अहमद ने यह भी कहा कि अब बिहार को ऐसी सरकार की जरूरत है जो हर नागरिक के लिए समान अवसर सुनिश्चित करे — चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से क्यों न हो।

“हमें ऐसे नेताओं को चुनना होगा जो संविधान की रक्षा करें, जनता के प्रति जवाबदेह रहें और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए ठोस नीतियाँ बनाएं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता को यह तय करना चाहिए कि वह किसके साथ खड़ी है —

“उनके साथ जो देश को तोड़ना चाहते हैं या उनके साथ जो देश को जोड़ने का काम करते हैं।”

खान एजाज़ अहमद ने चुनाव को “बदलाव का अवसर” बताते हुए कहा कि अब बिहारियों को धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने वालों को सबक सिखाने का समय है।
उन्होंने अंत में कहा कि बिहार तभी आगे बढ़ेगा जब जनता “विकास की राजनीति” को “विभाजन की राजनीति” पर प्राथमिकता देगी।

“अब वक्त है सोच-समझकर वोट करने का — ताकि आने वाले पांच साल गर्व से कह सकें कि हमने सही फैसला लिया।”

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