औरंगाबाद में कांग्रेस महिला अध्यक्ष पद को लेकर विवाद, अनिता भंडारी को पार्टी से निष्कासित किए जाने से मचा हंगामा

औरंगाबाद/प्रतिनिधि
औरंगाबाद में कांग्रेस की शहर जिला महिला अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सर्वाधिक सदस्य नोंदणी करने के बावजूद पद से वंचित रहने से नाराज पदाधिकारी अनिता भंडारी ने गांधी भवन के सामने अनिश्चितकालीन उपोषण शुरू किया था।
स्थानीय नेताओं ने इस उपोषण को गंभीरता से लेते हुए उनसे चर्चा की और कहा, “उपोषण खत्म करें, आपके साथ हुआ अन्याय दूर किया जाएगा।” इस समझौते के बाद भंडारी ने उपोषण समाप्त किया। मगर कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें शिस्तभंग (अनुशासनहीनता) के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई।
सूत्रों के अनुसार, महिला प्रदेशाध्यक्ष संध्या सव्वालाखे ने घोषणा की थी कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में सबसे अधिक सदस्य नोंदवाने वाली महिला कार्यकर्ता को जिला अध्यक्ष पद दिया जाएगा। लेकिन व्यवहार में यह पद दीपाली मिसाळ को दिया गया, जिन्होंने 1700 सदस्य जोड़े थे। जबकि अनिता भंडारी का दावा था कि उन्होंने एक लाख से अधिक सदस्य नोंदवाए थे, फिर भी उन्हें इस पद से वंचित रखा गया।
इस कथित अन्याय के खिलाफ भंडारी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस भवन के बाहर बेमुदत उपोषण का इशारा किया था। स्थानीय नेताओं ने उन्हें शांत करते हुए प्रदेश महासचिव का पद देकर समझौता करने की कोशिश की, लेकिन भंडारी ने इसे अपर्याप्त मानते हुए शहागंज स्थित गांधी भवन के सामने फिर से उपोषण शुरू कर दिया।
ऐन चुनावी माहौल में कांग्रेस के भीतर यह विवाद खुलकर सामने आने से पार्टी में असंतोष फैल गया। सांसद डॉ. कल्याण काळे, प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ, जिलाध्यक्ष किरण पाटील डोणगावकर, और शहराध्यक्ष युसुफ शेख ने हस्तक्षेप कर भंडारी को न्याय का आश्वासन दिया। इसके बाद उन्होंने शाम को उपोषण वापस ले लिया।
लेकिन कुछ ही समय में महिला प्रदेशाध्यक्ष संध्या सव्वालाखे ने आदेश जारी कर लिखा —
“आपने पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक रूप से उजागर किया है, जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। अतः आपको महिला कांग्रेस के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है।”
इस कार्रवाई से कांग्रेस के स्थानीय संगठन में गहरा असंतोष फैल गया है और कार्यकर्ताओं में यह सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी वास्तव में महिला कार्यकर्ताओं को न्याय दे पा रही है।
