पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ बयानों पर सियासी खेल: खान एजाज़ अहमद ने जताई गहरी चिंता
Aurangabad Maharashtra
‘खासदार टाईम्स’ के संपादक और CMBC के डायरेक्टर खान एजाज़ अहमद ने हाल ही में भारत में बढ़ते धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव पर एक गंभीर बयान जारी किया है। उनके अनुसार, पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणियां जानबूझकर की जा रही हैं, ताकि देश में मुसलमानों को उकसाया जा सके और इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन बयानों के पीछे सत्ताधारियों का मौन समर्थन या प्रत्यक्ष बचाव अक्सर देखने को मिलता है।
खान एजाज़ अहमद ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक शख्सियत थे। उनका जीवन सत्य, ईमानदारी और न्याय के मूल्यों पर आधारित था, और उनके विरोधी भी उनके चरित्र की सच्चाई की गवाही देते थे। बावजूद इसके, आज भारत में कुछ तत्व उनके खिलाफ झूठे और विवादित बयान देकर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
खान एजाज़ अहमद ने विशेष रूप से दो घटनाओं का जिक्र किया, जो हाल ही में देश में चर्चित रही हैं:
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रामगिरी महाराज द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर दिए गए विवादित बयान ने देशभर में बवाल मचा दिया। रामगिरी महाराज ने ऐसी बातें कही, जो न केवल अपमानजनक थीं बल्कि मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थीं। इस बयान के बाद मुस्लिम समुदाय ने भारी विरोध किया, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सार्वजनिक रूप से रामगिरी महाराज का बचाव किया। खान एजाज़ अहमद का मानना है कि इस प्रकार की प्रतिक्रियाएं यह दर्शाती हैं कि सरकार ऐसे विवादों को बढ़ावा दे रही है।
उत्तर प्रदेश के यति नरसिंहानंद, जो पहले भी विवादों में रह चुके हैं, ने गाजियाबाद में पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अत्यधिक अपमानजनक बयान दिए। इस बयान के बाद, पूरे देश में मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश देखा गया। खान साहब ने कहा कि इस तरह के बयानों का मकसद साफ है—मुसलमानों को भड़काना और समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करना।
खान एजाज़ अहमद का कहना है कि इन विवादित बयानों के पीछे एक राजनीतिक साजिश है, जिसमें सत्ताधारी दल शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत और विभाजन की राजनीति को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि इसका चुनावी फायदा उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसे बयान आते हैं, तो सत्ताधारी नेता इन पर चुप्पी साध लेते हैं या फिर उन लोगों का समर्थन करते हैं, जिन्होंने ये बयान दिए हैं।
खान एजाज़ अहमद ने इस बात पर जोर दिया कि पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षा और उनके जीवन के आदर्श न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि पैगंबर का जीवन सत्य, करुणा, और समानता के सिद्धांतों पर आधारित था, जो किसी भी समाज को एकजुट रखने में मदद कर सकते हैं। उनके अनुसार, पैगंबर की शिक्षाएं आज के समय में अधिक प्रासंगिक हैं, जब समाज में धार्मिक और सांप्रदायिक विभाजन बढ़ रहे हैं।
खान एजाज़ अहमद ने अंत में कहा कि इस तरह के विवादित बयानों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वालों के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों को ऐसे उकसावे में नहीं आना चाहिए और पैगंबर मोहम्मद साहब के आदर्शों पर चलते हुए संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए।